मैं हूं खाकी – दो परिवारों के बीच पिसता न्याय का भगवान, कागज की फाइलों में सिमटते परिवार, बेबस न्याय का भगवान
सूरतगढ़ (प्रदीप कुमार) कहते है कि जीवन मे हर व्यक्ति के लिए हर दिन कुछ नया होता है। कुछ ऐसा ही अनुभव रहा जब दो परिवारों को टूटते हुए और ऐसे रास्ते पर जाते हुए देखा जो रास्ते कभी भी ना मिलते हो। जीवन मे कुछ विचित्र और अलग देखकर अपने आप में बड़ा परेशान […]